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भुला दो तुम !
उसको जिसने ,
कष्ट दिए और ;
आंसूं भी दिए जिसने .
भुला दो ! उसको जो;
करता है झूठे वादे ,
कहता है दूंगा साथ ;
करता नहीं इरादे.
दिलाओ न याद उसको;
जिसकी मीठी बोली,
अब लगती है ;
मुझको बस ठिठोली .
याद ना दिलाना ;
उस निर्मोही को मुझे,
जलने की सजा हरपल;
दे गया जो मुझे .
ना सोचूं कभी मैं ;
कैसे बिताये थे वे पल,
मेरे चेहरे का साया,
बना था उसका आँचल.
ना आँखों में आये;
फिर वो तस्वीर,
जो लगती थी तब;
मुझको मेरी तकदीर.
भुला दो मेरे इस;
नादाँ मन से,
वे बातें जो कही थी ,
उसने नयन से.
भुला दो उन ;
सुनहरी हथेलियों को,
उन अनसुलझी ,
अनबुझी पहेलियों को.
मैं चाहता हूँ भूल जाना ;
उसके सांसो की गर्मी,
गुलाबों से सुन्दर ,
होटों की नरमी.
स्मृति ! भुला दो वो ;
अजंता की मूरत ;
पत्थर का दिल और,
प्यारी सी सूरत.
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